नबंबर १९७७ को विदिशा शहर में जन्मी वहीं से अपनी शिक्षा केमिस्ट्री में पूरी की पिछले नौ सालों से सिंगापुर में अपने परिवार के साथ सुखद जीवन व्यतीत कर र ही हूँ यहाँ एक अंतरराष्टीय विद्यालय में हिन्दी भाषा को भारतीय और विदेशी लोगों तक पहुँचाते गर्व अनुभव करती हूँ।

कभी सोचा नही था कि इस तरह शब्द मेरे कलम से लय में निकलते चले जाएँगे तकरीबन तीन साल पहिले एक छोटी सी कविता में अपने मन के भाव को लिए अंतरजाल पर चली आई
यहाँ सभी के प्यार और उत्साह वर्धन से लिखने का सिलसिला चल पड़ा


आज साहित्या शिल्पी को अपनी रचना के साथ अपनी शुभकामनाएँ साहित्य शिल्पी की पूरी टीम को देना चाहती हूँ जिन्होनें इतने अच्छे काम का बीड़ा उठाया है


आप बस चलते रहे कारवाँ खुद बा खुद जुड़ जाएगा

श्रद्धा जैन

shrddha8@gmail.com



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