गौरव शुक्ला कुछ समय पूर्व तक कवि और पाठक दोनों ही के रूप में अंतर्जाल पर बहुत सक्रिय रहे हैं।
अपनी सुंदर और भावपूर्ण कविताओं, गीतों और गज़लों के लिये पहचाने जाने वाले गौरव को अपने कुछ व्यक्तिगत कारणों से अंतर्जाल से दूर रहना पड़ा। साहित्य शिल्पी के माध्यम से एक बार फिर आपकी रचनायें अंतर्जाल पर आ रही हैं।
साहित्य शिल्पी पर इनकी सम्पूर्ण रचना के लिए यहाँ चटखा लगाए।