गीतांजलि श्री का जन्म १९५७ में हुआ। उत्तर प्रदेश में पली-बढ़ी गीतांजलि जी वर्तमान में हिन्दी की सुपरिचित कथाकार हैं। "हंस" में प्रकाशित अपनी पहली कहानी बेल-पत्र (१९८७) से अब तक वे अपनी विशेष लेखन-शैली के लिये जानी जाती हैं। इनके उपन्यास "माई" ने इन्हें साहित्यिक क्षेत्र में एक मुकाम दिलाया। इस उपन्यास का अंग्रेजी के अलावा रूसी और कोरियाई भाषा में अनुवाद भी प्रकाशित हो चुका है। इसके अतिरिक्त हमारा शहर उस बरस (उपन्यास), तिरोहित, वैराग्य (कहानी) आदि इनकी प्रमुख रचनायें हैं।
इंदु शर्मा कथा सम्मान के अतिरिक्त इन्हें "माई" के लिये २००१ के Crossword Book Award से भी सम्मानित किया गया है। आप संस्कृति मंत्रालय और जापान फाउन्डेशन में फैलो भी रह चुकी हैं।
साहित्य शिल्पी पर इनकी सम्पूर्ण रचनाओं के लिए यहाँ चटखा लगाए।
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