<span title=रचनाकार परिचय:-

२८ जुलाई, १९५९ को मंडला (म.प्र.) में जन्मे श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव "विनम्र" ने सिविल इंजीनियरिंग में रायपुर से स्नातक करने के बाद फाउंडेशन इंजीनियरिंग में भोपाल से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की तथा इग्नू से सर्टिफाइड एनर्जी मैनेजर डिप्लोमा भी प्राप्त किया।

वरिष्ठ साहित्यकार प्रो.सी. बी. श्रीवास्तव विदग्ध तथा शिक्षाविद् श्रीमती दयावती श्रीवास्तव के सुपुत्र विवेक रंजन विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होते रहे हैं। आकाशवाणी व दूरदर्शन से इनकी कई रचनाओं का प्रसारण भी हुआ है।

इनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं: आक्रोश (कविता-संग्रह), रामभरोसे, कौआ कान ले गया (व्यंग्य-संग्रह), हिन्दोस्ताँ हमारा (नाटक-संग्रह) आदि। कान्हा अभयारण्य परिचायिका तथा एक अन्य कविता संग्रह प्रकाशनाधीन है।

विभिन्न पुरुस्कारों से सम्मानित श्री विवेक रंजन २००५ से हिन्दी ब्लागिंग से जुड़े हैं और अपना चिट्ठा "विवेक के व्यंग" चला रहे हैं।

साहित्य शिल्पी पर इनकी सम्पूर्ण रचनाओं के लिए यहाँ चटखा लगाए।