आगरा में जन्मी डॉ. रोली तिवारी मिश्रा पत्रकारिता एवं हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर हैं। आपने “लोक रंगमंच" पर शोधकिया है। बचपन से आपका कविता लेखन के साथ-साथ कई सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुडाव रहा है। दैनिक जागरण में पत्रकार के तौर पर करियर की शुरुआत करने के बाद कुछ समय आकाशवाणी पर उदघोषिका रहीं। महाविद्यालय में पत्रकारिता विभाग में प्रवक्ता के तौर पर कुछ समय कार्य करने के बाद सैन्याधिकारी पति के साथ भारत के दूरदराज़ हिस्सों का सिंहावलोकन किया। स्वान्तः सुखाय लेखन भी साथ-साथ चलता रहा। वर्तमान में आप एक विद्यालय की प्रशासिका हैं।
साहित्य शिल्पी पर इनकी सम्पूर्ण रचना के लिए यहाँ चटखा लगाए।
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