नाम : अजय कुमार (अधिवक्ता(सुप्रीम कोर्ट), समाजशास्त्री, ज्योतिष विशेषज्ञ)
पिताजी का नाम: श्री राम च्रन्द्र प्रसाद
माताजी का नाम: स्वं. अहिल्या देवी
जन्म स्थान: भागलपुर(बिहार)
जन्म तिथी: 05.12.1978 (अविवाहित)
हॉबी: कविता लेखन, पुस्तके पढना , फलित ज्योतिष, अंक ज्योतिष तथा हस्त ज्योतिष
पढाई: एम. ए. (समाज शास्त्र), एल.एल.बी, बी.ए.( समाज शास्त्र ऑनर्स) कंपनी सेक्रेटरीशिप(वर्तमान)
परिचय : मेरी कविता की लेखनी मेरी तनहाईयों से शुरू होती है। बात उन दिनो की है जब मेरी माता जी स्वं. अहिल्या देवी जी का निधन हो गया। उस समय मेरी आयु सिर्फ 8 वर्ष थी। फिर शुरू हुआ जीवन का वास्तविक संघर्ष, जो अब तक जारी है। विधालय से छुटने के बाद फुलों के पौधों को लगाना, उन पौधों को सींचना मेरी दिनचर्या मे शामिल थी। तन्हाईयों के समय उन पुष्पों के बीच बैठना, खासकर गुलाब की पुष्पों को गौर से देखना मेरी आदत बन गई थी। रेडियों की संगीत ध्वनियो को सुनना भी मेरी आदतों मे शामिल थी। अपनी जिन्दगी की महत्वपूर्ण 14 वसंत देखने के बाद उन्ही दिनों 28 जुलाई 1992 की वह विशेष सुबह अपनी मन मे उठ रही खास तरंगो को पहली बार अपनी लेखनी से एक कविता का स्वरूप दिया जो कि मेरे विधालय “ के. आर. उच्च विधालय” के ‘सत्यार्थी’ नामक पत्रिका मे प्रकाशित भी हुआ। फिर शुरू हुई एक नई यात्रा जो अब भी जारी है। जिन्होने प्रभावित किया उन्में स्वं हरिवंश राय ‘बच्चन’, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ तथा महादेवी वर्मा जी आदि आदि है
कहानीकारो मे आचार्य हजारी प्रसद द्विवेदी तथा मुंशी प्रेमचन्द्र जी आदि आदि है



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